जोडों के दर्द के लिए सटीक है होम्योपैथी इलाज

जोडों के दर्द के लिए सटीक है होम्योपैथी इलाज

सेहतराग टीम

कंप्यूटर और मोबाइल से काम करने वालों को जीवन में एक जगह बैठकर काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में लोगों के जोड़ो में दर्द होने लगता है। ये दर्द बिना किसी संकेत के ही होते है। उन दर्द में सबसे आम होता है गठिया, टेनिस एल्बो, कंधे जम जाना, पीठ दर्द और दोहराव वाले मांसपेशी तनाव। इन सबसे निदान पाने के लिए हम कई तरह के दवाओं का इस्तेमाल करते है लेकिन कई बार वो नुकसान पहुंचा देते हैं। इसलिए आज हम इन रोगों के लिए होम्योपैथिक दवा के बारे में बताएंगें जो फायदा ही पहुचाते हैं लेकिन उसके पहले आइए जानते है कि आखिर ये जोड़ों का दर्द क्या होता है और किन कारणों से होता है।

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क्या होता है जोड़ों का दर्द (Joint Pain Meaning in Hindi):

जोड़ों का दर्द से तात्पर्य शरीर के किसी अंग के जोड़ में खिंचाव, दर्द, अकड़न इत्यादि होना है। हालांकि, इसका इलाज सामान्य घरेलू नुस्खे के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक वैसी ही बने रहे, तो फिर इसका इलाज करने का एकमात्र विकल्प जोड़ों को बदलना ही होता है।

जोड़ों का दर्द के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Joint Pain In HIndi):

जोड़ों का दर्द की शुरूआत सामान्य दर्द से होती है, इसलिए कुछ लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाते हैं। इसकी वजह से कुछ समय बाद जब जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है, तब उन्हें मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है। अत: यदि किसी व्यक्ति को अपने शरीर में ये 5 लक्षण नज़र आए तो उसे इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि ये जोड़ों का दर्द के संकेत होते हैं-

चलने में परेशानी होना (Having Trouble in Walking is Symptom of Joint Pain In HIndi):

जोड़ों का दर्द का प्रमुख लक्षण चलने में परेशानी होना है।ऐसा मुख्य रूप से तब होता है, जब घुटनों के जोड़ों में दर्द होता है, ऐसी स्थिति में इससे पीड़ित लोगों को उठने-बैठने में भी परेशानी होती है।

जोड़ों में सूजन होना (Swelling in Joints is Symptom of Joint Pain In HIndi):

जोड़ों का दर्द का अन्य लक्षण जोड़ों में सूजन होना या आना है। ऐसी स्थिति में सिकाई करना काफी नहीं होता है बल्कि मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है।

जोड़ों में नरमी होना (Softness in Joints is Symptom of Joint Pain In HIndi):

यदि किसी व्यक्ति को जोड़ों में नरमी महसूस होती है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि यह जोड़ों का दर्द का संकेत हो सकता है।

जोड़ों में अकड़न महसूस होना (Feeling Stiffness in Joints is Symptom of Joint Pain In HIndi): 

अक्सर, कुछ लोगों को अपने जोड़ों में अकड़न महसूस होती है। ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलकर उनकी जांच करानी चाहिए क्योंकि यह जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है।

जोड़ों में लालपन होना (Redness in Joints is Symptom of Joint Pain In HIndi): 

अचानक से जोड़ों में लालपन होना भी जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति तुरंत मेडिकल सहायता लेना ही समझदार भरा कदम हो सकता है।

जोड़ों का दर्द किन कारणों से होता है (Causes of Joint Pain in Hindi)?

जोड़ों का दर्द होने के काफी सारे कारण होते हैं, इसलिए इसके किसी सटीक कारण पता लगाना काफी मुश्किल है। इसके बावजूद, इस समस्या पर किए गए अध्ययनों से स्पष्ट है कि जोड़ा का दर्द के संभावित कारण निम्नलिखित हो सकते हैं-

चोट लगना (Getting Hurt is Cause of Joint Pain in Hindi):

जोड़ों का दर्द होना का प्रमुख कारण चोट लगना है। ऐसा अंदरूनी चोट लगने पर ही होता है, जिसकी तुरंत जांच करके ठीक करने की जरूरत होती है।

अर्थराइटिस से पीड़ित होना (Suffering From Arthritis is Cause of Joint Pain in Hindi):

 जोड़ों का दर्द होने की संभावना मुख्य रूप से अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में रहती है। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए और सेहत संबंधी किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

जोड़ों का संक्रमण होना (Joint Infection is Cause of Joint Pain in Hindi):

अक्सर, जोड़ों का दर्द का कारण संक्रमण भी हो सकता है।हालांकि, इसे एंटीबायोटिक दवाई का सेवन करके ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रही तो यह जोड़ों का दर्द का कारण बन सकती है।

मोच आना (Spraining is Cause of Joint Pain in Hindi):

कभी-कभी मोच आने से भी जोड़ों का दर्द हो सकता है। ऐसी स्थिति में हड्डी विशेषज्ञ से मिलकर मोच को ठीक करने का ही एकमात्र विकल्प बचता है अन्यथा यह गंभीर रूप ले सकती है।

जोड़ों के बीच का ग्रीस या तरल पदार्थ का खत्म होना (Grease or Fluid Drainage Between Joints is Cause of Joint Pain in Hindi):

 जोड़ों का दर्द ऐसे लोगों को भी हो सकता है, जिनके जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है। जोडों के बीच का ग्रीस का मुख्य काम जोड़ों की कार्य क्षमता को बनाए रखना लेकिन जब ये समाप्त हो जाता है, तो यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनता है।

जोड़ों में दर्द के लिए कुछ सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं निम्नानुसार हैं (Homeopathic medicine for joint pain in Hindi):

रस टॉक्स: यह आमतौर पर गंभीर संयुक्त दर्द के लिए होम्योपैथिक तैयारी में उपयोग किया जाता है। जिसके लक्षणों में विश्राम के बाद गंभीर दर्द, थोड़ा गीला मौसम और दर्द लंबे समय तक चलने या दौड़ने के बाद दर्द होता है।

अर्नीका मोंटाना: जब शरीर के प्रत्येक जोड़ में लक्षण दर्द होते हैं जिसके परिणामस्वरूप शरीर में दर्द होता है और दुर्घटनाओं के कारण चोट लगती है, तो अर्नीका मोंटाना सही दवा के रूप में कार्य करती है।

एक्टिया स्पाकाटा: यह दवा मुख्य रूप से हाथों के छोटे जोड़ों में दर्द के लिए एक उपाय के रूप में प्रयोग की जाती है। जिन लक्षणों के लिए दवा लागू की जा सकती है वे हाथ के उपयोग के बाद उंगली के जोड़ों और सूजन कलाई के जोड़ों में रूमेटोइड गठिया हैं।

कोल्चियम: इस दवा का उपयोग रूमेटोइड गठिया (गठिया की सूजन और पुरानी रूप) के मामले में किया जा सकता है।

ब्रायनिया अल्बा: यह दवा आश्चर्यजनक काम कर सकती है अगर घुटने के जोड़ों में घुटनों के जोड़ों में गंभीर दर्द होता है। गंभीर सूजन जोड़ों और ऑस्टियोआर्थराइटिस (हड्डी के सिरों पर मौजूद लचीले ऊतकों को प्रभावित करता है)।

हालांकि, हमेशा आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा लेने के लिए सलाह दी जाती है क्योंकि शक्ति और आवृत्ति केवल आपके डॉक्टर द्वारा तय की जा सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करें।

 

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